राष्ट्र जीतने के लिए घर वापसी का सहारा

२०१४, में जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, तब विश्व हिन्दू परिषद् के पूर्व अध्यक्ष प्रवीन तोगड़िया ने कहा कि उनकी संस्था भारत को १००% हिन्दू देश बनाने में कार्य करती रहेगी। पिछले छह वर्षों में हिंदूवादी राष्टवाद के दर्शन को लेकर बयानबाज़ी और भी तेज़ होती जा रही है। उन पुराने कथनों के आधार पर कि सभी भारतीय अपने धर्मों और आस्थाओं के बावजूद हिन्दू है, मुस्लिम लव जिहाद अभियान का डर कि कहीं इस्लामिक प्रभाव मजबूत न हो जाए और मसीहियत को बढ़ाने के लिए पश्चिमी देशों से प्राप्त सहयोग का डर।

विदेशी मिशनरियों के बारे में (गलत) जानकारी, जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी,ग्राहम स्टेंस और उनके दो बेटो की 1999 में उड़ीसा (अब ओडिशा) में भयावह हत्या कर दी गयी, यह ईसाइयों के प्रति संदेह और हिंसा में वृद्धि का चिन्ह है। झारखंड (२०१७),उत्तराखंड (२०१८) और उत्तर प्रदेश (२०२०), और मध्य प्रदेश (२०२१) और गुजरात (२०२१) में मौजूदा कानूनों में कठोर संशोधन करने वाले कानूनों को लागू किया गया, आस्था की सीमाएं बड़ी तेज़ी से राज्य {सरकार} की रूचि में शामिल हो गयी हैं। अन्य राज्यों द्वारा इस रुझान को आगे बढ़ाने की संभावना है, जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को राज्यों में होने वाले चुनावों में अधिक वोट पाने की आशा है

Continue reading “राष्ट्र जीतने के लिए घर वापसी का सहारा”